भगवान शंकर जिनके अक्ष की आंसू से रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ है उन्हीं भगवान शिव के ग्यारह रुद्रों का प्रतीक है ग्यारह मुखी रुद्राक्ष | इसके धारक को भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम रुद्राक्ष माना गया है |
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष के लाभ
महाशिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को शिखा में बांधना चाहिए या गले में धारण करना चाहिए | इसको धारण करने से और इसके ऊपर मन्त्रों के जाप करने से धीरे धीरे अश्व्मेघ यज्ञ का फल भी प्राप्त हो सकता है | व्यापारियों के लिए ग्यारह मुखी रुद्राक्ष अति उत्तम फल प्रदान करने वाला माना गया है | भाग्य वृद्धि और धन सम्पत्ति व् मान सम्मान की प्राप्ति के लिए इसे अवश्य धारण करना चाहिए | साक्षात एकादस रूद्र रूप होने से यह जातक को रोग मुक्त करने में भी सहायक होता है और धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ में भी उत्तम फल प्रदान करने वाला होता है | राजनीति, कूटनीति व् हर प्रकार के क्षेत्र में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का धारक सर्वत्र विजय होता है | यह एक सफल एवं उत्तम रुद्राक्ष माना गया है इसलिए हनुमान जी की उपासना करने वाले एवं व्यापार करने वाले हर व्यक्ति को इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए |
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र
इस रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं हूं नमः” है | इसको धारण करने के पश्चात नित्य प्रति पांच माला “ॐ नमः शिवाय” या तीन माला ऊपर लिखे हुए मंत्र की या एक माला मृत्युंजय मंत्र की जाप करनी चाहिए ताकि भगवान शिव के ग्यारह रुद्रों सहित मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्री राम जी के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी की भी कृपा प्राप्त की जा सके | पांच मुखी रुद्राक्ष की माला में ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को सुमेरु के रूप में लगाकर धारण करना अति उत्तम कहा गया है |
Click 11 Mukhi Rudraksha to read this article in English.
Descriptions for products are taken from scripture, written and oral tradition. Products are not intended to diagnose, treat, cure, or prevent any disease or condition. We make no claim of supernatural effects. All items sold as curios only.
अगर आप ग्यारह मुखी रुद्राक्ष से सम्बन्धित कोई भी जानकारी हमसे शेयर करना चाहते हैं तो कृपया नीचे दिए कमेन्ट बॉक्स में लिखें |
Share it on social media..
में विवेक शाही हूँ और में एक ग्यारह मुखी रुद्राक्ष, एक अस्तफीक और एक मोती काले रंग के धागे में पिरोकर गले मे पहनता हूँ। क्या यह सही है । कृपया बताएं।
मेरा जन्म 05/05/1988 को हुवा है, समय शाम के 4 बजे से 4:15 के बीच कब है नही मालूम।
Me gar parivar me dhero problem ko solve karna chata hu to mine aapka connect number chaiye jisse me pahele aapse bat karu or bad me khud aakar rudraksh lejau